13 दिसम्बर, 2022 04:15 PM | जेडएनएन
गोवा में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्लूएसी) में भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने कहा कि औषधीय पौधों के जीवित रहने पर खतरे के कारण पृथ्वी हर दो साल में एक संभावित औषधि खो रही है और उनके विलुप्त होने की दर प्राकृतिक प्रक्रिया के मुकाबले 100 गुना तेज है।